17 मार्च — बेहद शुभ दिन — शनिदेव के प्रकोप को कम करने के लिए करें ये उपाय





17 मार्च को अमावस्या है, और इस दिन शनिवार भी है, जिसके चलते इस दिन अमावस्या और शनिवार का शुभ संयोग बन रहा है. जो अमावस्या शनिवार के दिन पड़ती है, उसे शनि अमावस्या कहते हैं. शनि अमावस्या, शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए सबसे उत्तम दिन माना जाता है.  जिन लोगों पर शनि की साढ़ेसाती या फिर ढय्या चल रही होती है, कुछ उपाय करने से उसका प्रभाव कम हो जाता है. इस समय वृश्चिक,धनु और मकर राशि पर शनि की साढ़ेसाती चल रही है, जबकि वृष और कन्या राशि पर ढय्या का प्रभाव है. ऐसे में अगर इस शुभ संयोग में अपनी राशि अनुसार शनिदेव को प्रसन्न करने के कुछ उपाय किया जाय तो परेशानियां कम होती है.



मेष राशि के लोग शनिदेव को सरसों का तेल चढ़ाएं, और हनुमान चालीसा का पाठ करें.

वृष राशि वालों के ऊपर ढय्या का प्रकोप है, जिसके चलते राजा दशरथ द्वारा रचित, शनि स्त्रोत का पाठ करें.

मिथुन राशि के लोग शनि अमावस्या पर हनुमान जी को सिंदूर और लाल चोला चढ़ाएं.

कर्क राशि के लोग शनि अमावस्या के दिन, पीपल के वृक्ष पर प्रात: काल जल चढ़ाएं, और सायम् काल दीप दान करें.

सिंह राशि के लोग लोहे से बनी अंगुठी को, मध्यमा उंगली में पहने. शनि अमावस्या के दिन इसे पहनने का, सबसे शुभ दिन माना जाता है.

कन्या राशि के लोग, काली उड़द की दाल को गरीबों मं बांटे.

तुला राशि के लोग इस दिन, कुष्ठ रोगियों को भोजन कराएं, और दान में काली चीजों का दान करें.

वृश्चिक राशि के लोग शनि अमावस्या के दिन, शनि मंदिर जा कर वहीं पर स्थापित, शमी के पेड़ की पूजा करें.

धनु राशि के लोग इस दिन, खिचड़ी का दान करें, उत्तम रहेगा.

मकर राशि के लोग शनिदेव को खुश रखने के लिए, इस दिन 11 बार हनुमान चालीसा का पाठ करें.

कुंभ राशि के लोग, शाम को पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं.

मीन राशि के लोग, शनिदेव को सरसों का तेल चढ़ाएं, और दीपक दान करें.

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